Monday, April 23, 2012


intjar hi hathiyar hai

नमस्कार दोस्तों
धीरे धीरे ही सही पर हमारे कदम बढ ही रहे है पिछले 11 महीनो में भले ही ये वक़्त और आने वाला बचा वक़्त आपको ज्यादा लगे पर मैं ऐसा नहीं मानता क्योकि हमारे देश की न्याय प्रणाली के बारे में हम से ज्यादा कौन जानता है मैं तो इन 11 महिनो को ज्यादा नहीं बल्कि बहुत कम मानता हु
स्पिक एशिया का आना तय है पर हमें अपना धैर्य ना खोकर उस अंतिम फैसले का इंतजार करना है जो हमें सुप्रीम कोर्ट से मिलना है इसके सिवाय ना हमारे पास ना कोई चारा है ना उपाय तो फिर क्यों ना उस इंतजार को हस्ते मुस्कुराते सहे क्यों हम इंतजार की घडियो को अपना धैर्य खोकर काटे जबकि इससे कोई हल भी नहीं निकलेगा
बात फैसले की देरी की करे तो आप खुद समझदार है कितने ही केस हमारे नजर में मिडिया के माध्यम से आये और आज भी अपने पड़ाव पर पहुचने का इंतजार कर रहे है (जैसे आरुशी मर्डर केस,कामन वेल्थ केस,भवरी देवी भी तथ्यों के बावजूद फैसले का इंतजार कर रहा है,कसाब,अफजल गुरु )अब कितने नाम लू
इन केस की तुलना में तुलना में हमारे केस की गति देखी जाय तो आप बताईये कहा देर हुई है
और वैसे भी हमारा केस बहुत संवेदनशील है जिसे पूरी तरह से जाँच परख कर ही अनुमति मिल सकती है क्योकि इस केस से भारत के लोगो के पैसे का मुद्दा जुड़ा है अगर फैसले में थोड़ी सी भी चुक हो गयी तो बहुत घर तबाह हो सकते है इसलिए इसे हलके में नहीं लिया जा सकता है
क्योकि  फैसले के बाद हमारी सरकार की जवाबदेही भी शुरू हो जाएगी क्योकि ऊँचनीच होने की सूरत में आप कम्पनी पर नहीं उस फैसले को जिम्मेदार मानेगे जो माननीय कोर्ट को लेना है
इसीलिए एक बार फिर कहता हु की संयम ही हमारा हथियार है तो इस हथियार को तरीके से इस्तेमाल करे
जय स्पिक एशिया
जय स्पिक एशियन
मोर्या
आपका अनिल  कालवानी

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